Kabir is God
Wednesday, August 5, 2020
diwali kitni sahi
दिवाली हिंदुओ का सबसे बड़ा त्योहार है जिसे लगभग पूरा भारत ही मनाता है इसके पीछे मान्यता है की जब सीता माता और राजा राम जी 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस अपनी अयोध्या नगरी में लौट आये थे बस इस बात की खुशी में ही ये त्यौहार आज तक मनाया जाता है, अब सबसे बड़ी बात ये है की ये त्यौहार मनाना कितना सही है क्योंकि जब ये त्यौहार रामजी और सीताजी के वनवास काटकर वापस आने की खुशी में ही मनाया जाता है
तो फिर इसक बाद तो रामजी ने सीता जी को एक धोबी के कहने मात्र से अपने घर से निकाल दिया, जबकि इससे पहले ही वो सीताजी की अग्नि परीक्षा लेकर उन्हे वापस लाये थे तो फिर इस बात का दुःख क्यों नहीं मनाया जाता है ये एक बहुत ही सोचने योग्य विचार है केवल खुशी ही क्यों दुख क्यों नहीं और फिर वैसे भी आज हमारे देश की दशा किसी से भी छिपी नही है रोज आये दिन हमारे देश के अखबार लूट,चोरी,रिश्वत खोरी बलात्कार आदि अनेको अपराधो से भरे रहते है और रही सही कसर भुखमरी और बेरोजगारी ने निकाल दी है एक तरफ जहाँ हमारे देश की गरीब और बेबस जनता भूखी सोती रहे और दूसरी तरफ हम ये त्यौहारो के नकली चोचलो में अपना धन और समय दोनों खराब करते रहे ये
कहाँ की समझदारी होगी, इन त्यौहारो में बर्बाद होने वाले इन पैसों को अगर हम इन गरीबो की मदद में खर्च करे तो ये असली खुशी होगी हमारे लिए, इस कर्म भूमि में आदमी का एक पल का भरोसा नहीं है और हम त्यौहार मनाने में लगे है इसकी बजाय हमें अपने मानव जीवन को सफल बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
Wednesday, June 24, 2020
Guru bhagwan
परमात्मा कबीर साहेब जी कहते है की गुरुजी को भगवान मानकर ही भगवान पाया जा सकता है क्योकि गुरु जीव को भगवान प्राप्त करने की एक बीच की प्रमुख कड़ी का काम करते है और गुरुजी स्वयं परमात्मा का अंश होता है जोकि जीव की सभी बुराईयो और पापों को समाप्त कर भगवान पाने लायक बनाता है
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| guru guru |
पूर्ण गुरु तीन बार में नाम दीक्षा देकर जीवो को पार करते है पहले प्रथम नाम दीक्षा देते है फिर कुछ समय के उपरांत जीव की द्रढता देखकर सतनाम देते है और फिर जीव की रुचि और समर्पित आस्था देखकर सार नाम और अंत में सार शब्द प्रदान कर जीव का जनम मरण का दीर्घ रोग को सदा सदा के लिए समाप्त करते है जोकि जीव को युगों युगों से लगा हुआ है।
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guru freelance
Wednesday, June 10, 2020
Bible
बाइबल ईसाईयों का पवित्र ग्रंथ है। सभी ईसाई इसे पढ़ते हैं और इसकी पूजा करते हैं। इसके दो भाग हैं : पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट) बाइबिल का आधा भाग यहूदियों का भी धर्म ग्रंथ है।
ऐसा माना जाता है कि ईश्वर की प्रेरणा से मनुष्य ने बाइबल को लिखा था। इसमें ईसा मसीह के व्यक्तित्व, चमत्कारों, कार्यों, शिक्षा आदि के बारे में बताया गया है। किस प्रकार ईसा मसीह ने चर्च की स्थापना की उसके बारे में बताया गया है।
बाइबल की भाषा बहुत ही आसान है। इसमें गूढ़ दार्शनिक बातें नहीं बताई गई है जिसे लोगों को समझने में दिक्कत हो। मनुष्य किस तरह धर्म और मुक्ति के मार्ग पर जाएं यह बाइबिल में अच्छी तरह बताया गया है। किन तत्वों का आचरण, किन पापों से मनुष्य को दूर रहना चाहिए इसके बारे में बाइबिल में बताया गया है। बाइबल के दो भाग हैं पुराना नियम और नया नियम।
दृष्टि से बाइबल विश्व का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ है। अमेरिका, कनाडा ,दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, फ्रांस, वेटिकन, स्पेन, रोम, ब्रिटेन समेत सभी यूरोप में यह धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाता है।
बाइबल मनुष्यों को पाप करने से रोकती है। जो लोग पाप करते हैं वह शैतान के गुलाम होते हैं।
बाइबल पढ़ने से व्यक्ति ईश्वर को अच्छी तरह समझ सकता है।बाइबल ने कभी मनुष्य को मांस खाने को नही कहा।
ऐसा माना जाता है कि ईश्वर की प्रेरणा से मनुष्य ने बाइबल को लिखा था। इसमें ईसा मसीह के व्यक्तित्व, चमत्कारों, कार्यों, शिक्षा आदि के बारे में बताया गया है। किस प्रकार ईसा मसीह ने चर्च की स्थापना की उसके बारे में बताया गया है।
बाइबल की भाषा बहुत ही आसान है। इसमें गूढ़ दार्शनिक बातें नहीं बताई गई है जिसे लोगों को समझने में दिक्कत हो। मनुष्य किस तरह धर्म और मुक्ति के मार्ग पर जाएं यह बाइबिल में अच्छी तरह बताया गया है। किन तत्वों का आचरण, किन पापों से मनुष्य को दूर रहना चाहिए इसके बारे में बाइबिल में बताया गया है। बाइबल के दो भाग हैं पुराना नियम और नया नियम।
दृष्टि से बाइबल विश्व का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ है। अमेरिका, कनाडा ,दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, फ्रांस, वेटिकन, स्पेन, रोम, ब्रिटेन समेत सभी यूरोप में यह धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाता है।
बाइबल मनुष्यों को पाप करने से रोकती है। जो लोग पाप करते हैं वह शैतान के गुलाम होते हैं।
बाइबल पढ़ने से व्यक्ति ईश्वर को अच्छी तरह समझ सकता है।बाइबल ने कभी मनुष्य को मांस खाने को नही कहा।
Monday, June 8, 2020
#bhagwadgeeta
भगवद् गीता सभी ग्रंथो का सार है, गीता ज्ञान दाता स्वयं अपनी भक्ति को अनुत्तम बता रहा है और अपने से अद्वितीय परमात्मा की शरण में जाने को अर्जुन को कह रहा है और उस अद्वितीय परमात्मा की प्राप्ति तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के बाद ही हो सकती है और इसके साथ ही अर्जुन को ये भी बोल रहा है की मै भी उस परमात्मा को याद करता हू, वो मेरा भी इस्टदेव है और स्वयं को काल बता के ब्रह्मा,विष्णु और शिवजी की भक्ति के लिए भी मना कर रहा है।
Friday, June 5, 2020
Thursday, June 4, 2020
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गलत भक्ति जीव को नास्तिकता की ओर ले जाती है क्योकि वो भक्ति हमारे वेदो और शास्त्रो के अनुकूल ना होने से कोई भी लाभ नही देती है और जीव का धीर...
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परमात्मा कबीर साहेब जी कहते है की गुरुजी को भगवान मानकर ही भगवान पाया जा सकता है क्योकि गुरु जीव को भगवान प्राप्त करने की एक बीच की प्रमुख ...
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कबीर साहेब प्राकाट्य ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है, कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प...
















