Wednesday, June 24, 2020

Guru bhagwan

परमात्मा कबीर साहेब जी कहते है की गुरुजी को भगवान मानकर ही भगवान पाया जा सकता है क्योकि गुरु जीव को भगवान प्राप्त करने की एक बीच की प्रमुख कड़ी का काम करते है और गुरुजी स्वयं परमात्मा का अंश होता है जोकि जीव की सभी बुराईयो और पापों को समाप्त कर भगवान पाने लायक बनाता है
guru guru
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पूर्ण गुरु तीन बार में नाम दीक्षा देकर जीवो को पार करते है पहले प्रथम नाम दीक्षा देते है फिर कुछ समय के उपरांत जीव की द्रढता देखकर सतनाम देते है और फिर जीव की रुचि और समर्पित आस्था देखकर सार नाम और अंत में सार शब्द प्रदान कर जीव का जनम मरण का दीर्घ रोग को सदा सदा के लिए समाप्त करते है जोकि जीव को युगों युगों से लगा हुआ है। 
guru freelance
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Wednesday, June 10, 2020

Bible

बाइबल ईसाईयों का पवित्र ग्रंथ है। सभी ईसाई इसे पढ़ते हैं और इसकी पूजा करते हैं। इसके दो भाग हैं : पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट) बाइबिल का आधा भाग यहूदियों का भी धर्म ग्रंथ है।






ऐसा माना जाता है कि ईश्वर की प्रेरणा से मनुष्य ने बाइबल को लिखा था। इसमें ईसा मसीह के व्यक्तित्व, चमत्कारों, कार्यों, शिक्षा आदि के बारे में बताया गया है। किस प्रकार ईसा मसीह ने चर्च की स्थापना की उसके बारे में बताया गया है।

बाइबल की भाषा बहुत ही आसान है। इसमें गूढ़ दार्शनिक बातें नहीं बताई गई है जिसे लोगों को समझने में दिक्कत हो। मनुष्य किस तरह धर्म और मुक्ति के मार्ग पर जाएं यह बाइबिल में अच्छी तरह बताया गया है। किन तत्वों का आचरण, किन पापों से मनुष्य को दूर रहना चाहिए इसके बारे में बाइबिल में बताया गया है। बाइबल के दो भाग हैं पुराना नियम और नया नियम।
दृष्टि से बाइबल विश्व का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ है। अमेरिका, कनाडा ,दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, फ्रांस, वेटिकन, स्पेन, रोम, ब्रिटेन समेत सभी यूरोप में यह धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाता है।
बाइबल मनुष्यों को पाप करने से रोकती है। जो लोग पाप करते हैं वह शैतान के गुलाम होते हैं।
       बाइबल पढ़ने से व्यक्ति ईश्वर को अच्छी तरह समझ सकता है।बाइबल ने कभी मनुष्य को मांस खाने को नही कहा।

Monday, June 8, 2020

#bhagwadgeeta

भगवद् गीता सभी ग्रंथो का सार है, गीता ज्ञान दाता स्वयं अपनी भक्ति को अनुत्तम बता रहा है और अपने से अद्वितीय परमात्मा की शरण में जाने को अर्जुन को कह रहा है और उस अद्वितीय परमात्मा की प्राप्ति तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के बाद ही हो सकती है और इसके साथ ही अर्जुन को ये भी बोल रहा है की मै भी उस परमात्मा को याद करता हू, वो मेरा भी इस्टदेव है और स्वयं को काल बता के ब्रह्मा,विष्णु और शिवजी की भक्ति के लिए भी मना कर रहा है।



Friday, June 5, 2020

#GodKabir_PrakatDiwas_2020 #पूर्णसंतरामपालजी

कबीर साहेब प्राकाट्य
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है, कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है उस समय कुंवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।
यह लीला केवल कबीर परमात्मा ही करते हैं।


Thursday, June 4, 2020

#KabirPrakatDiwasNotJayanti #1DayLeft_KabirPrakatDiwas 5 june kabir prakat diwas

कबीर साहेब का प्रकट दिवस होता है, जयंती नहीं!
सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) ज्येष्ठ मास शुद्धि पूर्णमासी को ब्रह्ममूहूर्त में अपने सत्यलोक से सशरीर आकर परमेश्वर कबीर बालक रूप बनाकर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर विराजमान हुए।
पूर्ण परमात्मा का माँ के गर्भ से जन्म नहीं होता।


Wednesday, June 3, 2020

DeepKnowledge_Of_GodKabir #2DaysLeft_KabirPrakatDiwas 5 जून 2020 कबीर प्रकट दिवस

तत्वज्ञान
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।
शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना‌ रहेगा।
(गीता अ.16, श्लोक 23-24)




Tuesday, June 2, 2020

#DivinePlay_Of_GodKabir#3DaysLeft_KabirPrakatDiwas

#DivinePlay_Of_GodKabir


#3DaysLeft_KabirPrakatDiwas
एक बार परमात्मा कबीर साहेब जी जब 5 वर्ष की आयु के थे उस समय उन्होंने 104 वर्ष की आयु के रामानंद जी के साथ ज्ञान चर्चा की, उनके साथ कई लीलाएं की, अपना परिचय करवाया तथा सतलोक दिखाया तब रामानंद जी को दृढ़ विश्वास हुआ कि कबीर साहिब ही सृष्टि रचनहार पूर्ण ब्रह्म हैं।