बाइबल ईसाईयों का पवित्र ग्रंथ है। सभी ईसाई इसे पढ़ते हैं और इसकी पूजा करते हैं। इसके दो भाग हैं : पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट) बाइबिल का आधा भाग यहूदियों का भी धर्म ग्रंथ है।
ऐसा माना जाता है कि ईश्वर की प्रेरणा से मनुष्य ने बाइबल को लिखा था। इसमें ईसा मसीह के व्यक्तित्व, चमत्कारों, कार्यों, शिक्षा आदि के बारे में बताया गया है। किस प्रकार ईसा मसीह ने चर्च की स्थापना की उसके बारे में बताया गया है।
बाइबल की भाषा बहुत ही आसान है। इसमें गूढ़ दार्शनिक बातें नहीं बताई गई है जिसे लोगों को समझने में दिक्कत हो। मनुष्य किस तरह धर्म और मुक्ति के मार्ग पर जाएं यह बाइबिल में अच्छी तरह बताया गया है। किन तत्वों का आचरण, किन पापों से मनुष्य को दूर रहना चाहिए इसके बारे में बाइबिल में बताया गया है। बाइबल के दो भाग हैं पुराना नियम और नया नियम।
दृष्टि से बाइबल विश्व का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ है। अमेरिका, कनाडा ,दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, फ्रांस, वेटिकन, स्पेन, रोम, ब्रिटेन समेत सभी यूरोप में यह धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाता है।
बाइबल मनुष्यों को पाप करने से रोकती है। जो लोग पाप करते हैं वह शैतान के गुलाम होते हैं।
बाइबल पढ़ने से व्यक्ति ईश्वर को अच्छी तरह समझ सकता है।बाइबल ने कभी मनुष्य को मांस खाने को नही कहा।