Friday, May 29, 2020

kabir parmatma

परमेश्वर कबीर जी त्रेतायुग में ऋषि मुनीन्द्र जी के रूप में लीला करने आए तब हनुमान जी से मिले। तथा सतलोक के बारे में बताया हनुमानजी को विश्वास हुआ कि ये परमेश्वर हैं। सत्यलोक सुख का स्थान है। परमेश्वर मुनीन्द्र जी से दीक्षा ली। अपना जीवन धन्य किया। मुक्ति के अधिकारी हुए।

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