Tuesday, May 12, 2020

गलत भक्ति से नास्तिकता की ओर

गलत भक्ति जीव को नास्तिकता की ओर ले जाती है क्योकि वो भक्ति हमारे वेदो और शास्त्रो के अनुकूल ना
होने से कोई भी लाभ नही देती है और जीव का धीरे धीरे
भक्ति में विश्वास कम होने लगता है और फिर अंत में वो नास्तिक हो जाता है। 
इसलिए हर मानव का प्रथम कर्तव्य है की वो हमारे वेदो और शास्त्रो के अनुकूल सतभक्ति करे जिससे वो मानव जीवन में भी सुखी हो और मरने के बाद भी मोक्ष को प्राप्त कर सके,किंतु सतभक्ति के लिए सतगुरु बनाना जरूरी है सतगुरु के मिलने के बाद ही सतभक्ति शुरू होती है और सतगुरु जी ही हमे सभी मर्यादाओ का पालन कर सतभक्ति करवाते है। 
और अभी वर्तमान में पूरी दुनिया में एक ही सतगुरु है और वो संत रामपाल जी महाराज जी है जोकि पूरी दुनिया को हमारे सभी वेदो और शास्त्रों के आधार पर सतभक्ति बता रहे है। 

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