असमय होने वाली प्राकृतिक आपदा के लिए ये मानव ही
दोषी है क्योकि मानव ने सिर्फ अपनी ही सुविधाओ के लिए प्रकृति का अधिक से अधिक दोहन शुरू कर दिया बिना ये सोचे की इस दोहन का प्रकृति और मानव और सभी जीवो पर क्या असर होगा, ज्यादा सुविधा और विकास की लालसा ने मानव की बुद्धि का स्तर गिरा दिया और रही सही कसर भगवान से जीव की दूरी और नास्तिकता ने निकाल दी। अब इसका एकमात्र इलाज है सतभक्ति और भगवान से निकटता।
और वर्तमान में सतभक्ति तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पास ही है जो कि हमारे मानव समाज के सभी वेदों और शास्त्रों के आधार पर कबीर साहेबजी की सतभक्ति बताते है। इनकी विचारधारा"जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा हिंदू, मुस्लिम,सिख,ईसाई कोई धर्म नही कोई न्यारा"सभी लोगो को आपस में जोड़ने में सहायक है जो कि वर्तमान में लोगो में बहुत ही जरूरी है।
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