True guru

Monday, June 8, 2020

#bhagwadgeeta

भगवद् गीता सभी ग्रंथो का सार है, गीता ज्ञान दाता स्वयं अपनी भक्ति को अनुत्तम बता रहा है और अपने से अद्वितीय परमात्मा की शरण में जाने को अर्जुन को कह रहा है और उस अद्वितीय परमात्मा की प्राप्ति तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के बाद ही हो सकती है और इसके साथ ही अर्जुन को ये भी बोल रहा है की मै भी उस परमात्मा को याद करता हू, वो मेरा भी इस्टदेव है और स्वयं को काल बता के ब्रह्मा,विष्णु और शिवजी की भक्ति के लिए भी मना कर रहा है।



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