True guru

Thursday, May 14, 2020

गलत भक्ति से नास्तिकता की ओर

गलत भक्ति जीव को नास्तिकता की ओर ले जाती है वर्तमान समय में साधक जो भक्ति कर रहा है उस पर आरूढ़ रहने के कारण उसे ही सत्य मानता है लेकिन जब वह फल प्राप्ति की इच्छा करता है तब उसे किसी प्रकार का कोई लाभ न मिलने के कारण वह दुखी व परेशान होकर नास्तिकता की अग्रसर होने लगता है

क्योकि वो भक्ति हमारे वेदो और शास्त्रो के अनुकूल ना
होने से कोई भी लाभ नही देती है और जीव का धीरे धीरे
भक्ति में विश्वास कम होने लगता है और फिर अंत में वो नास्तिक हो जाता है। 

इसलिए हर मानव का प्रथम कर्तव्य है की वो हमारे वेदो और शास्त्रो के अनुकूल सतभक्ति करे जिससे वो मानव जीवन में भी सुखी हो और मरने के बाद भी मोक्ष को प्राप्त कर सके,किंतु सतभक्ति के लिए सतगुरु बनाना जरूरी है सतगुरु के मिलने के बाद ही सतभक्ति शुरू होती है और सतगुरु जी ही हमे सभी मर्यादाओ का पालन कर सतभक्ति करवाते है। 
और अभी वर्तमान में पूरी दुनिया में एक ही सतगुरु है और वो संत रामपाल जी महाराज जी है जोकि पूरी दुनिया को हमारे सभी वेदो और शास्त्रों के आधार पर सतभक्ति बता रहे है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर हम नास्तिकता से आस्तिकता की ओर अग्रसर हो सकते हैं

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